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Bechaini Ki Dua । बेचैनी दूर करने की दुआ हिंदी, अरबी और इंग्लिश में

आज़ के इस छोटे से खुबसूरत लेख में आप एक बहुत ही सुकून से भरी दुआ यानी कि Bechaini Ki Dua जानेंगे जो बहुत ही ख़ास और इफेक्टिव दुआ है।

इस दुआ को बेचैन होने पर पढ़ने से ना कि सिर्फ आपकी बेचैनी दूर होगी बल्कि एक अलग ही तरह का रिलैक्स और तरोताजगी फील होगी।

इससे कब्ल आप एक मरतबा यहां पर इस दुआ को सही से पढ़ कर समझ लें ताकि बेचैनी और बेकरारी में आसानी से पढ़ कर सुकून पा सकें।

Bechaini Ki Dua

हमने यहां पर बेचैनी दूर करने की दुआ को हिंदी लफ्ज़ के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के भी बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में लिखा है।

जिसे आप अपने पसंदीदा आसान और साफ़ लफ्ज़ों में सही सही पढ़ सकें ताकि फिर कहीं पर भी दोबारा से ना देखना पड़े।

Bechaini Ki Dua In Hindi
Bechaini Ki Dua

Bechaini Ki Dua In Hindi

ला इलाह इल्ला अन्त सुब्हान-क इनी कुन्तु – मिनज् जालिमीन

Must Read: Tahajjud Ki Dua

Bechaini Ki Dua In Arabic

لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنْتُ مِنَ الظّالِمِينَ

Jami' At-Tirmidhi 3505

Bechaini Ki Dua In English

La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu minaz-zalimeen.

Bechaini Ki Dua Ka Tarjuma

तेरे सिवा कोई भी इबादत के लायक नहीं तू पाक है बेशक मैं ही जालिमों में से था।

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप भी सही सही और आसानी से इस दुआ को पढ़ और समझ कर सही से पढ़ना सीख गए होंगे और अब बेचैनी होने पर आसानी से पढ़ेंगे।

हमने यहां पर इस दुआ को बहुत ही साफ़ और खुबसूरत लफ्ज़ों में लिखा था जिसे आप आसानी से पढ़ और समझ कर अमल में ला सकें।

अगर इसे पढ़ने में या पढ़ने के बाद भी कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि पेज के ज़रिए जरूर पूछें।

Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - Ramadan 2025

आज यहां पर आप Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर तरावीह की नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी तरावीह की नमाज़ अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी तरावीह की नमाज़ अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां ध्यान से पुरा पढ़ें।

Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika

सबसे पहले हमें यह मालुम होना चाहिए कि तरावीह की नमाज़ 2 - 2 रकात करके कुल मिलाकर 20 रकात नमाज़ तरावीह में पढ़ी जाती है।

तो हम यहां पर 2 रकात का ही तरीका जानेंगे आप इसी 2 - 2 रकात के बदौलत पूरा 20 रकात तरावीह की नमाज़ पढ़ेंगे तो ध्यान से पढ़ें।

Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात

  1. सबसे पहले तरावीह की नमाज़ की नियत करें।
  2. हमने नीचे तरावीह की नमाज़ की नियत भी बताई है।
  3. इसके बाद हांथो को नीचे लाकर नियत बांध लेंगे।
  4. इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
  5. फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  6. अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
  7. इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
  8. सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  9. फिर यहां सूरह फिल अलम तारा कैफा या कोई सूरह पढ़ें।
  10. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  11. रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  12. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  13. रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  14. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  15. सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  16. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  17. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  18. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  19. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

Taraweeh Ki Namaz Ka Tarika - दूसरी रकात

  1. सबसे पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
  2. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
  3. फिर यहां सूरह कुरैश लि इला फि कुरैशीन या कोई सूरह पढ़ें।
  4. फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  5. रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  6. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
  7. फिर यहां भी उठने पर‌ रब्बना लकल हम्द‌ ज़रूर कहें।
  8. इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
  9. सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
  11. फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  12. दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  13. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
  14. इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
  15. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली उठाएंगे।
  16. फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  17. इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
  18. अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह‌ कर सलाम फेर लें।
  19. पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
  20. फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।

यहां पर आपकी तरावीह की नमाज़ की दुसरी रकात भी मुकम्मल हो गई आप इसी तरह 2-2 रकात करके पुरा 20 रकात तरावीह की नमाज़ मुकम्मल करें।

तरावीह की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका

अगर आप तरावीह की नमाज़ जमात में इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तो आपको कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं है सिर्फ रूकुअ और सज्दा में तस्बीह के अलावा।

लेकीन रूकुअ और सज्दा करने के बाद हर नमाज़ की तरह अत्तहियात, दुरूदे इब्राहिम और दुआए मासूरा तरावीह में भी पढ़ना जरूरी है।

Must Know: Iqamat Ka Tarika

इस बात का भी ध्यान रखें कि हर 4 रकात के बाद तरावीह की तस्बीह पढ़ना होता है और पूरा तरावीह खत्म होते होते तक 5 बार तरावीह की तस्बीह पढ़ी जाती है।

अगर आप अकेले में तरावीह की नमाज़ पढ़ेंगे तो यह तो पक्की है कि आप सूरह वाली तरावीह ही पढ़ेंगे क्योंकी एक तरावीह में कुरान पुरी पढ़ी जाती है।

अगर आप सूरह वाली तरावीह की नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आप कुरान की एक तरफ से सूरह पढ़ते चलें यहां वहां से सूरह पढ़ना नहीं चाहिए, जानने के लिए यहां क्लिक करें

Taraweeh Ki Namaz Ki Niyat

नियत करने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को उठा कर फिर नीचे ला कर नियत बांध लेंगे इसके बाद एक एक स्टेप फॉलो करें।

Taraweeh Ki Namaz Ki Rakat

तरावीह की नमाज़ में टोटल 20 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है इस पूरे नमाज़ को 10 सलाम में 2 - 2 रकात की नियत से पढ़ कर मुकम्मल की जाती है।

हर 4 रकात तरावीह की नमाज़ पढ़ने के बाद बैठ कर तरावीह की तस्बीह पढ़ी जाती है इस तरह पूरे 20 रकात में 5 मरतबा पढ़ी जाती है।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो तरावीह की नमाज़ अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से तरावीह की नमाज़ पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।