आज यहां पर आप Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर सलातुल तौबा की नमाज पढ़ने का सही और आसान तरीक़ा बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी सलातुल तौबा की नमाज अदा कर पाएंगे इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी सलातुल तौबा की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika
सलातुल तौबा की नमाज एक बार में दो रकात की नियत करके अदा की जाती है हमने यहां पर दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है।
जिसे आप आसानी से समझ जाएं और अमल में लाएं साथ ही नीचे की जानिब हमने सलातुल तौबा की नमाज की नियत भी बताई है आप उसे भी ज़रूर पढ़ें।
एक बात का ज़रूर ख्याल रखें कि आप यह गुनाह की माफी के लिए नमाज अदा कर रहे हैं इसीलिए मन में दिल में यह नियत होना चाहिए की आइंदा यह गलती नहीं होगी।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात
- पहले यहां सलातुल तौबा की नियत करके हांथ बांध लेंगे।
- फिर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ेंगे।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- इसके बाद अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद सूरह इखलास या फिर कोई सूरह पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कह कर सर उठाएं फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधे खड़े होकर दुसरी रकात के लिए हांथ बांध लें।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika - दुसरी रकात
- यहां पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
- इसके बाद के सूरह फातिहा अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे।
- यहां भी सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद सूरह नास पढ़ें या फिर कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- फिर यहां भी उठने पर रब्बना लकल हम्द ज़रूर कहें।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
- सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
- फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
- इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करें।
- फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
- पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
अब आप की 2 रकात सलातुल तौबा की नमाज मुकम्मल हो गई इसके बाद आप सलातुल तौबा की दुआ पढ़ें या फिर अपने मन मुताबिक दुआए अजकार से माफी की तलब करें, बेशक अल्लाह बहुत मेहरबान है वह आपके गुनाहों को जरूर बख्श देगा।