आज यहां पर आप मज़हब ए इस्लाम😍 की अरकान का एक हिस्सा का टुकड़ा यानी कि कलमा का Teesra Kalma In Hindi में जानेंगे जो हम सभी के लिए बहुत ही ज़रूरी है।
हमने यहां पर तीसरा कलमा यानी कलिमए तमजीद को हिंदी लैंग्वेज के साथ साथ इंग्लिश में भी तर्जुमा के साथ बताया है जिसे आप सही सही आसानी से तीसरा कलमा पढ़ कर समझ सकें।
यक़ीनन इसके बाद आपको कहीं पर भी तीसरा कलमा या फिर इससे रिलेटेड कुछ भी तलाशनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर हर लफ्ज़ को ध्यान से पढ़ें और जेहन में उतार लें।
Teesra Kalma In Hindi
"सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौला वला कुव्वता इला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम"
Teesra Kalma in English
"Sub-haanallahi Wal Hamdu Lillahi Walaa ilaaha illallahu Wallahu Akbar Walaa Hawla Walaa Quwwtaaa ilaa Billa Heel Aliyyeel Azeem."
Teesra Kalma Ka Tarjuma In Hindi
"अल्लाह की जात पाक है और तमाम तारीफें उसी के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं और अल्लाह ही बड़ा है उसकी मदद के बगैर किसी में ताकत व कुव्वत नहीं वह अजमत और बुजुर्गी वाला है।"
Teesra Kalma Ka Tarjuma In English Text
Allah Ki Jaat Paak Hai Aur Tamam Tarifei'n Usi Ke Liye Hai Aur Allah Ke Siwaa Koi Ibadat Ke Layk Nahin Aur Allah Hi Badaa Hai Uski Madad Ke Bagair Kisi Me Takat Wa Quwwat Nahi Wah Azmat Aur Buzurgi Wala Hai.
तीसरा कलमा तमजीद का मतलब क्या होता है ?
आपको इसका इल्म हो जाए कि तीसरा कलमा यानी कलिमा ए तमजीद का मतलब बुजूर्गी होता है।
यानी इसका मतलब यह है कि इस कलमा में हम अपने रब अल्लाह तबारक व तआला का तारीफ़ करते हैं और अपने आप को रब की इबादत के लिए तवज्जोह करते हैं।
हमारा रब अल्लाह तबारक व तआला के सिवा इस पूरे यूनिवर्स में कोई भी इबादत के लायक नहीं है।
साथ ही उसकी मदद के बगैर किसी में भी कोई पॉवर नहीं आ सकती उसके अलावा कोई कुव्वत देता ही नहीं है।
तीसरा कलमा तमजीद की फजीलत
आप भी शायद जानते ही होंगे की मज़हब ए इस्लाम में दुआ सूरह और नमाज़ के साथ साथ कलमा भी पढ़ने से हमारी ख़ुद की सुकून और साथ में सवाब भी हासिल होती है।
- हर इस्लामी कलमे के साथ साथ इस तीसरा कलमा पढ़ने से हम अपने हौसले में अफजाई पाते हैं।
- जिसे हम हर तरह की मुसीबतों से बेझिझक आसानी से छुटकारा पाते हैं।
- तीसरा कलमा पढ़ने से दुख और बीमारी का पतन अचानक से हो जाता है।
- इस कलमे में अल्लाह की तारीफीयां बयां की गई है जब कोई अल्लाह का नेक बंदा तीसरा कलमा पढ़ता है तो उसे बहुत ही आला नेकी हासिल होती है।
- इस कलीमे में मोमिन अपने रब अल्लाह तआला की महानता की गवाही देते हैं।
- जिसे उन्हें इस कलमा को पढ़ने के तोहफ़े के रूप में दिल की सुकून और शांति हासिल होती है।
- एक अज़ीम हदीस ए पाक के मुताबिक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की फरमाने आलीशान है कि 4 बार तीसरा कलमा पढ़ना एक हज के बराबर है।
अंतिम लफ्ज
मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी बहुत ही आसानी से सही सही पढ़ और समझ कर तीसरा कलमा जान ही गए होंगे और हर रोज़ इसे पढ़ कर इसकी फजीलत से अपनी जिंदगी में फतह हासिल करने के साथ साथ सुकुन भी पाएंगे।
हमने यहां पर तीसरा कलमा तमजीद के साथ साथ इसे ताल्लुक जानकारी को भी बहुत ही अच्छे से और समझने योग्य लिखा था जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएं अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट करके जरूर पूछें।
अगर यह छोटी सी लेख आपको पसंद आई हो यानी इस छोटे से पैग़ाम से कुछ भी आपको जरा सा भी सीखने को मिला हो तो आप भी ऐसे इल्म को जिन्हें मालुम ना हो उन्हें ज़रूर बताएं ताकि सभी आलम ए इस्लाम को इसका इल्म हो जाए।
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