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Ramzan Ke Roza Rakhne Ki Dua In All Language

आज़ के इस पैग़ाम में आप बहुत ही बरकत व रहमत भरी दुआ यानी कि रोजा रखने की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर रोजा रखने की दुआ बहुत ही आसान ल...

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Ramzan Ke Roza Rakhne Ki Dua In All Language

आज़ के इस पैग़ाम में आप बहुत ही बरकत व रहमत भरी दुआ यानी कि रोजा रखने की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर रोजा रखने की दुआ बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पेश किया है जिसे आप आसानी से पढ़ सकेंगे।

Roza Rakhne Ki Dua

आप इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद यकीनन रोजा रखने की दुआ बहुत ही आसानी से समझ कर अपने जहन में उतार लेंगे जिसे आप सेहरी के वक्त रोजा रखने की दुआ पढ़ कर अपने रब की रज़ा के लिए रोजा रखेंगे।

Roza Rakhne Ki Dua Hindi Me

"अल्लाहुम्मा नवैतु अन असौमा गदन लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान"

फैजाने रमज़ान स. 964

नोट:- इस दुआ को रात में सोते वक्त या सेहरी से पहले पढ़ा जाता है।

Roza Rakhne Ki Dua Arbi Me

اَللّٰهُمَ نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ غَدًالِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ

Roza Rakhne Ki Dua Roman English

Allahumma Nawaitoo An Asauma Gaadan Lillahi T’Aala Min Farzi Ramzan.

Roza Rakhne Ki Dua Ka Tarjuma

मैंने नियत की, कि अल्लाह के लिए कल इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।

सेहरी की दुआ हिंदी में

नवैतु अन असौमा हा ज़ा यौमा लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान

फैजाने रमज़ान स. 964

नोट:- इस दुआ को सेहरी के वक्त पढ़ा जाता है।

सेहरी की दुआ अरबी में

نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ هٰزَا الْيَوْمَ لِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ

सेहरी की दुआ इंग्लिश में

Nawaitoo An Asauma Ha Zaa Yauma Lillahi T’Aala Min Farzi Ramzan

सेहरी की दुआ का तर्जुमा

मैंने नियत की, कि अल्लाह के लिए आज इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।

रोजा रखने से जुड़ी कुछ खास हदीस

हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी खा कर दिन के रोजे के लिए ताकत हासिल करो और दिन को कैलुला करके रात की इबादत के लिए मदद हासिल करो - इब्ने माजह स.123, 1693


हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी में बरकत ही बरकत है इस लिए इसे मत छोड़ो अगर्चे एक घुंट पानी ही पी लो - मुस्नद अहमद बिन हम्बल जि 3 स 12


हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रजियल्लाहु अन्हुमा बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते सेहरी करने वालों पर दुरूद भेजते हैं।


हज़रत अम्र बिन आस रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि हमारे और यहूदो नसारा के रोज़ो में फ़र्क सेहरी खाना है - मुस्लिम हदिस नं.1096


Eid Ki Namaz Ka Tarika । ईद की नमाज का तरीका

 


ईद की नमाज की पहली रकात

    • नमाज से पहले नियत करेंगे।
    • इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर अपने हांथो को बांधेंगे।
    • अगर आपको नियत याद नहीं है तो ये कहे कि जो नीयत इमाम की वही मेरी है।
    • इसके बाद सना यानी ‘सुब्हान कल्ला अल्लाहुम्मा’ पूरी जरूर पढ़ें। इसे पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
    • इसके बाद दो बार अल्लाहु अकबर कहने पर अपना हांथ उठा कर छोड़ देना है।
    • तो वहीं तीसरी बार अल्लाहु अकबर कहते ही हाथों को बांध लेना है।
    • अब यहां से इमाम साहब पढ़ेंगे। इस दौरान आपको खामोश रहकर उन्हें सिर्फ सुनना है।
    • पहले इमाम अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ी जाएगी। फिर तस्मियह पढ़ेंगे।
    • इसके बाद सूरह फातिहा पूरा पढ़ेंगे। इसके बाद आहिस्ते से सभी आमीन कहेंगे।
    • इसके बाद कोई भी एक सूरह पढ़ी जाएगी। फिर अल्लाहु अकबर कहने पर रूकूअ में जाएंगे।
    • अब रूकूअ में 3, 5 या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ी जाएगी।
    • फिर 'समिअल्लाहु लिमन हमिदह' कहते हुए रूकूअ से उठ जाएंगे।
    • फिर रूकूअ से उठते हुए रब्बना लकल हम्द कहें।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदे में जाएं।
    • अब कम से कम तीन बार या अपनी इच्छानुसार इससे ज्यादा बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर उठ कर बैठ जाएंगे।
    • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहने पर दूसरा सज्दा करेंगे और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब अल्लाहु अकबर कहने पर दूसरी रकात के लिए खड़े होंगे।
    ईद की नमाज की दूसरी रकात
    • अब सबसे पहले यहां पर तअव्वुज और तस्मियह पढ़ें।
    • इमाम साहब द्वारा अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ी जाएगी।
    • फिर सूरह फातिहा पढ़ेंगे। यहां पर कोई एक सूरह को पढ़ा जाएगा।
    • अब यहां पर फिर से जाईद तकबीरें बोली जाएंगी जिससे आपको ध्यान से सुनना है।
    • अब पहले की ही तरह एक बार अल्लाहु अकबर कहने पर हाथ उठा कर छोड़ना है।
    • फिर दूसरी बार भी अल्लाहु अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ देना है।
    • यहां तीसरी बार भी अल्लाहु अकबर कहने पर हांथ छोड़ना है।
    • फिर चौथी बार अल्लाहु अकबर कहने पर बिना हांथ को उठाए बाध बांध लेना है।
    • आप अब रूकुअ में जाएंगे हर बार की तरह ध्यान रहे।
    • अब रूकूअ में कम से कम 3 बार या इससे ज्यादा बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे और आप साथ में रब्बना लकल हम्द‌ कहेंगे।
    • इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाना है।
    • यहां कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ी जाएगी। फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाना है।
    • फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी सजदा में जाना है।
    • दुसरी सज्दा में 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें। फिर अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएंगे।
    • इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाती है।
    • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ी करेंगे।
    • फिर तुरंत ही इल्लल ला हु पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
    • इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ी जाती है फिर रब्बना आतिना फिद्दुन्या पढ़ी जाएगी।
    • अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए सलाम फेर लेना है।
    • ईद की नमाज के समाप्त होने के बाद इमाम साहब खुत्बा पढेंगे जिसे ध्यान से सुनें।
    • इसके बाद लोग सभी लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देंगे।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika Step By Step

    आज आप यहां Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही सरल तरीके से सीखेंगे। हमने यहां शब ए कद्र की नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात आदि सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और सरल शब्दों में समझाया है।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika, Niyat, Rakat, Dua


    इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से शब ए कद्र की नमाज़ अदा कर पाएंगे। इसके बाद आपको कहीं और शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए, कृपया यहां दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika

    सबसे पहले, यह जानना आवश्यक है कि शब-ए-कद्र की नमाज़ में 2 रकात नफ्ल नमाज़ और 4 रकात नफ्ल नमाज़ पढ़ी जाती है।

    यहां आप सबसे पहले 2 रकात वाली शब-ए-कद्र की नमाज़ का तरीका सीखेंगे। इसके बाद, हमने 4 रकात वाली नमाज़ का तरीका भी विस्तार से बताया है।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात

    • सबसे पहले शब ए कद्र की 2 रकात नमाज़ की नियत करें।
    • नीचे हमने शब ए कद्र की नमाज़ की नियत भी बताई है।
    • फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लेंगे।
    • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म पुरा पढ़ेंगे।
    • अब तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाहि मिनश शैतानिर्रजीम पढ़ें।
    • फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
    • अब इसके बाद सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ को पढ़े।
    • सूरह फातिहा पूरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन भी कहेंगे।
    • अब सूरह कद्र यानी इन्ना अन्जलना हू 3 मरतबा पढ़ेंगे।
    • फिर सुरह इख्लास कुल हू वल्लाहु शरीफ 5 मरतबा पढ़े।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
    • यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
    • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
    • फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएंगे।
    • सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
    • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
    • दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
    • यहां तक आपकी शब ए कद्र की नमाज़ 1 रकात हो गई।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika - दूसरी रकात

    • यहां पर पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
    • इसके बाद सूरह फातिहा पुरा पढ़ कर आमिन कहेंगे।
    • यहां भी आपको सूरह कद्र 3 मरतबा ही पढ़ना है।
    • फिर सुरह इख्लास को भी 5 ही मरतबा पढ़ना है।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
    • यहां रूकूअ में 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे।
    • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
    • फिर उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
    • सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
    • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
    • दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
    • दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
    • अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
    • इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
    • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
    • तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
    • फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
    • इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
    • फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
    • अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
    • सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
    • फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।

    यहां तक आपकी शब ए कद्र की 2 रकात वाली नमाज़ की दोनों रकात मुकम्मल हो गई इस तरह आप सिर्फ़ शब ए कद्र की रात 2 रकात नमाज़ पढ़ें।

    नमाज़ मुकम्मल पढ़ने के बाद 17 मरतबा सूरह इख्लास पढ़ें फिर अपने गुनाहों की मगफिरत की दुआ करें यह नमाज़ इसी लिए पढ़ा जाता है।

    Shab E Qadr Ki Namaz Ke Baad Ki Dua

    इस दुआ यानी ‘अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ़वा फअफु अन्नी' को आपको हर बार सलाम फेर लेने पर जरूर पढ़ना चाहिए।

    अंतिम लफ्ज़

    मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो शब ए कद्र की नमाज़ अदा करना सिख ही गए होंगे, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से शब ए कद्र की नमाज़ पढ़ सकें।

    एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

    Teesra Kalma In Hindi । तीसरा कलमा तमजीद हिंदी में

    आज यहां पर आप मज़हब ए इस्लाम😍 की अरकान का एक हिस्सा का टुकड़ा यानी कि कलमा का Teesra Kalma In Hindi में जानेंगे जो हम सभी के लिए बहुत ही ज़रूरी है।

    Teesra Kalma In Hindi


    हमने यहां पर तीसरा कलमा यानी कलिमए तमजीद को हिंदी लैंग्वेज के साथ साथ इंग्लिश में भी तर्जुमा के साथ बताया है जिसे आप सही सही आसानी से तीसरा कलमा पढ़ कर समझ सकें।

    यक़ीनन इसके बाद आपको कहीं पर भी तीसरा कलमा या फिर इससे रिलेटेड कुछ भी तलाशनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर हर लफ्ज़ को ध्यान से पढ़ें और जेहन में उतार लें।

    Teesra Kalma In Hindi

    "सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौला वला कुव्वता इला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम"

    Teesra Kalma in English

    "Sub-haanallahi Wal Hamdu Lillahi Walaa ilaaha illallahu Wallahu Akbar Walaa Hawla Walaa Quwwtaaa ilaa Billa Heel Aliyyeel Azeem."

    Teesra Kalma Ka Tarjuma In Hindi

    "अल्लाह की जात पाक है और तमाम तारीफें उसी के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं और अल्लाह ही बड़ा है उसकी मदद के बगैर किसी में ताकत व कुव्वत नहीं वह अजमत और बुजुर्गी वाला है।"

    Teesra Kalma Ka Tarjuma In English Text

    Allah Ki Jaat Paak Hai Aur Tamam Tarifei'n Usi Ke Liye Hai Aur Allah Ke Siwaa Koi Ibadat Ke Layk Nahin Aur Allah Hi Badaa Hai Uski Madad Ke Bagair Kisi Me Takat Wa Quwwat Nahi Wah Azmat Aur Buzurgi Wala Hai.

    तीसरा कलमा तमजीद का मतलब क्या होता है ?

    आपको इसका इल्म हो जाए कि तीसरा कलमा यानी कलिमा ए तमजीद का मतलब बुजूर्गी होता है।

    यानी इसका मतलब यह है कि इस कलमा में हम अपने रब अल्लाह तबारक व तआला का तारीफ़ करते हैं और अपने आप को रब की इबादत के लिए तवज्जोह करते हैं।

    हमारा रब अल्लाह तबारक व तआला के सिवा इस पूरे यूनिवर्स में कोई भी इबादत के लायक नहीं है।

    साथ ही उसकी मदद के बगैर किसी में भी कोई पॉवर नहीं आ सकती उसके अलावा कोई कुव्वत देता ही नहीं है।

    तीसरा कलमा तमजीद की फजीलत

    आप भी शायद जानते ही होंगे की मज़हब ए इस्लाम में दुआ सूरह और नमाज़ के साथ साथ कलमा भी पढ़ने से हमारी ख़ुद की सुकून और साथ में सवाब भी हासिल होती है।

    • हर इस्लामी कलमे के साथ साथ इस तीसरा कलमा पढ़ने से हम अपने हौसले में अफजाई पाते हैं।
    • जिसे हम हर तरह की मुसीबतों से बेझिझक आसानी से छुटकारा पाते हैं।
    • तीसरा कलमा पढ़ने से दुख और बीमारी का पतन अचानक से हो जाता है।
    • इस कलमे में अल्लाह की तारीफीयां बयां की गई है जब कोई अल्लाह का नेक बंदा तीसरा कलमा पढ़ता है तो उसे बहुत ही आला नेकी हासिल होती है।
    • इस कलीमे में मोमिन अपने रब अल्लाह तआला की महानता की गवाही देते हैं।
    • जिसे उन्हें इस कलमा को पढ़ने के तोहफ़े के रूप में दिल की सुकून और शांति हासिल होती है।
    • एक अज़ीम हदीस ए पाक के मुताबिक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की फरमाने आलीशान है कि 4 बार तीसरा कलमा पढ़ना एक हज के बराबर है।

    अंतिम लफ्ज

    मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी बहुत ही आसानी से सही सही पढ़ और समझ कर तीसरा कलमा जान ही गए होंगे और हर रोज़ इसे पढ़ कर इसकी फजीलत से अपनी जिंदगी में फतह हासिल करने के साथ साथ सुकुन भी पाएंगे।

    हमने यहां पर तीसरा कलमा तमजीद के साथ साथ इसे ताल्लुक जानकारी को भी बहुत ही अच्छे से और समझने योग्य लिखा था जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएं अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट करके जरूर पूछें।

    अगर यह छोटी सी लेख आपको पसंद आई हो यानी इस छोटे से पैग़ाम से कुछ भी आपको जरा सा भी सीखने को मिला हो तो आप भी ऐसे इल्म को जिन्हें मालुम ना हो उन्हें ज़रूर बताएं ताकि सभी आलम ए इस्लाम को इसका इल्म हो जाए।

    Istikhara Ki Namaz Ka Tarika - इस्तिखारा की नमाज का सही तरीका

    आज यहां पर आप एक बहुत ही खैर व बरकत भरी नमाज यानी इस्तिखारा की नमाज का सही तरीका जानेंगे हमने यहां पर इस्तिखारा की नमाज अदा करने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में लिखा है।


    जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे और आसानी से खैर व बरकत भरी इस्तिखारा की नमाज अदा कर लेंगे यकिनन इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद आप को कहीं पर भी जानकारी ढूंढने की ज़रूरत नहीं होगी।

    Istikhara Ki Namaz Ka Tarika

    सबसे पहले आपको इस बात का इल्म से रूबरु कराता चलूं कि इस्तिखारा की नमाज एक बार में 2 दो रकात की नियत से अदा की जाती है।

    हमने नीचे की जानिब इस्तिखारा की नमाज अदा करने का सही और सुन्नत तरीका पेश किया है आप पुरा पैग़ाम ध्यान से पढ़ कर अमल में लाएं।

    Istikhara Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात

    1. सबसे पहले इस्तिखारा की नमाज की नियत करें।
    2. इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लें।
    3. अब सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
    4. फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
    5. इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
    6. अब आप अल्हम्दु शरीफ़ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
    7. सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
    8. अब यहां आप सूरह काफिरून यानी कुल या अय्युहल काफिरून पुरा पढ़ें।
    9. अगर सूरह काफिरून न याद हो तो कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
    10. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
    11. रूकुअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    12. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठें।
    13. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
    14. यहां सज्दे में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    15. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
    16. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    17. दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    18. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए सिधे खड़े हो जाएं।

    Istikhara Ki Namaz Ka Tarika - दूसरी रकात

    1. सबसे पहले यहां आप तअव्वुज और तस्मियह पढ़ें।
    2. यानी कि अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
    3. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
    4. अब यहां पर आप सूरह इख्लास यानी कुल हू वल्लाहू शरीफ पढ़ें।
    5. यहां भी वही बात यानी नहीं याद होने पर कोई सूरह पढ़ सकते हैं।
    6. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
    7. यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    8. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से सर उठाएं।
    9. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
    10. अब यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    11. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
    12. फिर तुरंत ही अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    13. इसमें भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    14. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठें और बैठे रहें।
    15. इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहियात पढ़ें।
    16. अत्तहियात पढ़ते हुए कलिमें ला पर शहादत उंगली खड़ा करें।
    17. फिर तुरंत इल्ला पर गिरा कर सब उंगली सिधा कर लें।
    18. इसके बाद दुरूदे इब्राहिम और फिर दुआए मासूरह पढ़ें।
    19. अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
    20. सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
    21. इसके बाद दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएं।
    22. यहां पर आपकी 2 रकात नमाज ए इस्तिखारा मुकम्मल हो गई।

    अब इसके बाद ध्यान दें कि कम से कम तीन बार दरूद शरीफ पढ़ें और कम से कम एक बार सूरह फातिहा पढ़ें इसके बाद इस्तिखारा की दुआ पढ़ें इस्तिखारा की दुआ पढ़ने के बाद फिर सूरह फातिहा और दरूद शरीफ फिर तीन बार पढ़ें।

    Istikhara Ki Namaz Ki Niyat

    नीयत की मैंने दो रकात नमाज इस्तिखारा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

    Istikhara Ki Namaz Ka Waqt

    इस्तिखारा की नमाज के लिए कहीं पर भी खास वक्त मुकर्रर नहीं है, आपको जब भी अपने रब अल्लाह तबारक व तआला से खैर तलब करना हो नमाज उसी वक्त पढ़ें सिर्फ इतना ध्यान रखें कि जिस वक्त आप इस्तिखारा की नमाज अदा कर रहे हैं वो वक्त मकरूह न हो।

    अगर इस्तिखारा के लिए सबसे दुरूस्त और बेहतरीन वक्त के बारे में बात की जाए तो ईशा की नमाज के बाद इस्तिखारा का वक्त शुरू होता है आप नमाजे ईशा बाद अपने दिल में सही नियत से नियत करके दुरुस्त तरीके से इस्तिखारा की नमाज अदा करें।

    आख़िरी बात

    आप ने इस सुन्नत भरा पैग़ाम में रहमत व अजमत वाली नमाजे इस्तिखारा के बारे में मुकम्मल जानकारी लिया हमने यहां पर सभी बातों को बेहद ही आसान लफ्ज़ों में आसान तरीके से बताया जिसे आप समझ कर अमल में लाएं और अपनी ज़िंदगी में खूब खैर व बरकत हासिल कर तरक्की करें।

    इसके बाद भी अगर आप के जहन का किसी सवाल का जवाब मुकम्मल ना हुई या कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके बराए मेहरबानी जरूर पूछें हम आपके लिए ही ये सब इल्म पेश करते हैं अगर आप नहीं जानते हैं तो बताना ही मेरा काम है मुझे भी किसीने बताया तब ही तो आपको बता रहा हूं।

    अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपके नजरिए से अच्छा इल्म सीखने को मिला हो तो आप भी ये फर्ज निभाएं की जिन्हें ना मालुम हो उन्हें बताएं और अपने नामए आमाल में नेकीयों का इज़ाफा करें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika, Niyat, Rakat

    आज यहां आप Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर तहिय्यतुल वजू की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।


    इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी तहिय्यतुल वजू की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी तहिय्यतुल वजू की नमाज का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika

    सबसे पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि तहिय्यतुल वजू की नमाज 2 रकात की नियत से एक सलाम में पुरा नमाज अदा करके मुकम्मल किया जाता है।

    हमने यहां पर तहिय्यतुल वजू की नमाज अदा करने का तरीका एक एक रकात को स्टेप बाय स्टेप बताया है आप ध्यान से पढ़ कर समझ कर अमल में लाएं।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात

    1. सबसे पहले तहिय्यतुल वजू की नमाज़ की नियत करें।
    2. हमने नीचे तहिय्यतुल वजू नमाज़ की नियत भी बताई है।
    3. इसके बाद हांथो को नीचे लाकर नियत बांध लेंगे।
    4. इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
    5. फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
    6. अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
    7. इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
    8. सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
    9. फिर यहां पर कोई भी एक नमाज की सूरह पढ़ना है।
    10. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
    11. रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    12. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
    13. रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
    14. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
    15. सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    16. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
    17. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    18. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    19. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika - दूसरी रकात

    1. सबसे पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
    2. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
    3. फिर यहां भी कोई कुरान पाक की नमाज की सूरह पढ़ें।
    4. फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
    5. रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    6. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
    7. फिर यहां भी उठने पर‌ रब्बना लकल हम्द‌ ज़रूर कहें।
    8. इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
    9. सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    10. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
    11. फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
    12. दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    13. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
    14. इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
    15. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली उठाएंगे।
    16. फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
    17. इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
    18. अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह‌ कर सलाम फेर लें।
    19. पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
    20. फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।

    यहां तक आपकी तहिय्यतुल वजू की नमाज 2 रकात हो जाएगी इसके बाद आप अपने मुताबिक और भी पढ़ना चाहें तो पढ़ सकते हैं।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ki Niyat

    नियत की मैंने 2 रकात की नमाज तहिय्यतुल वजू की नफ्ल वास्ते‌ अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ki Rakat

    सबसे पहले आपको एक बात बता दूं कि तहिय्यतुल वजू की नमाज एक नफ्ल नमाज है इसकी रकात की कोई लिमिट या जरूरी नहीं है।

    आप इसे 2 - 2 रकात की नियत से 4 रकात 6 रकात या फिर 8 रकात या 100 रकात जितनी मर्जी चाहें पढ़े कम से कम 2 रकात जरूर पढ़ें।

    Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Waqt

    हमने जैसे उपर में ही इस बात को बताया कि यह नमाज एक नफ्ल नमाज है जिसकी रकात और वक्त मुकर्रर नहीं होती हां लेकीन किसी भी नमाज को मकरूह वक्त में पढ़ना नहीं चाहिए ठीक उसी प्रकार इसे भी ना पढ़ें।

    जब कभी भी नमाज के लिए या फिर कोई और इबादत जियारत के लिए वजू करें तो फौरन इस 2 रकात तहिय्यतुल वजू की नमाज को अदा कर लें इसे आपके नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा होगी।

    अंतिम लफ्ज़

    मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो तहिय्यतुल वजू की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिसे सब लोग तहिय्यतुल वजू की नमाज पढ़ सकें।

    एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika । 4 रकात फर्ज नमाज का सही तरीका

    यहां पर आज आप 4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर 4 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही और आसान तरीक़ा बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।


    इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी 4 रकात फर्ज की नमाज अदा कर पाएंगे इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी फर्ज नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika

    यह बात आप भी शायद यह जानते ही होंगे कि 4 रकात फर्ज नमाज दो तरीकों से अदा की जाती है पहला तरीका यह की आप अकेले में फर्ज नमाज पढ़ते हैं।

    जबकि दुसरा तरीका यह है कि फर्ज नमाज जमात से भी अदा की जाती है हमने यहां पर दोनों तरीकों को स्टेप बाय स्टेप बताया है ध्यान से पढ़ें और समझें।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - अकेले में पहली रकात

    • पहले फर्ज की नियत करके अपने हांथों को बांध लेंगे।
    • नियत अगर ना मालुम हो तो नीचे लिखी हुई है समझ लें।
    • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
    • फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
    • अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
    • इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
    • सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
    • फिर नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह में से‌ कोई एक सूरह पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
    • रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
    • रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
    • सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
    • फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - अकेले में दुसरी रकात

    • पहले यहां सिर्फ अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़े।
    • फिर सूरह फातिहा पढ़ें और पुरा पढ़ने पर आमिन कहें।
    • फिर इसके बाद कोई भी छोटी या बड़ी सूरह को पढ़ें।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
    • यहां भी रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
    • रूकूअ से उठने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
    • यहां भी सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठें और फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    • यहां भी दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
    • तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमें ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
    • इसके बाद तुरंत इल्ला पर गिरा दें और अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - अकेले में तीसरी रकात

    • यहां भी सिर्फ अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
    • फिर सूरह फातिहा पढ़ें, पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
    • इसके बाद आप चाहें तो सूरह पढ़ें या ना पढ़ें फर्ज की तिसरी रकात में सूरह मिलाना ज़रूरी नहीं।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
    • इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधे सज्दे में जाएं।
    • यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठें फिर अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
    • हर सज्दे कि तरह यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधे खड़े हो कर हांथ बांध लें चौथी रकात के लिए।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - अकेले में चौथी रकात

    • यहां भी तीसरी रकात की तरह ही पुरा करें जिस तरह से पढ़ा और करा हो।
    • अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ सूरह फातिहा पढ़ें और आमिन कहें।
    • यहां भी सूरह को पढ़ें या फिर ना पढ़ें चौथी रकात में भी सूरह मिलाना ज़रूरी नहीं।
    • यहां भी हर बार कि तरह अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
    • फिर रूकूअ की तस्बीह यानी तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • अब समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधे सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठें और फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
    • यहां भी सज्दे की सज्दे की तस्बीह तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और अत्तहिय्यात पढ़ें।
    • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमे ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
    • फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लें और दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
    • इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़ें और सलाम फेर लें।
    • पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
    • फिर बाएं तरफ़ गर्दन घुमाते हुए अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहें।

    यहां आपकी 4 रकात फर्ज नमाज मुकम्मल हो गई इसके बाद दुआए अजकार अपने मन मुताबिक पढ़ें।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - इमाम के पीछे पहली रकात

    • सबसे पहले 4 रकात फर्ज का नियत करें जिस वक्त का भी हो।
    • फिर इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर नियत बांधे।
    • इसके बाद आप सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
    • अब इमाम सूरह फातिहा और सूरह अपने सुनने तक पढ़ेंगे।
    • आप को यहां चुपचाप रहना है कुछ नहीं पढ़ना चाहिए।
    • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए इमाम साहब रूकूअ में जाएंगे।
    • तो रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • इसके बाद इमाम समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे।
    • यहां आप धीमी आवाज में रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
    • फिर इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं।
    • आप सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर आप उठ जाएं।
    • फिर उनके अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा में जाएं।
    • दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब उनके अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - इमाम के पीछे दुसरी रकात

    • यहां भी इमाम साहब सिर्फ अपने सुनने तक ही पढेंगे।
    • यहां पर आपको कोई भी सूरह वगैरा कुछ भी पढ़ना नहीं है।
    • सूरह फातिहा और सूरह पढ़ कर इमाम अल्लाहु अकबर कहेंगे।
    • यहां पर आप भी रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • अब उनके समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहने पर साथ उठें और रब्बना लकल हम्द कहें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद उनके यानी इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर उठें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
    • तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमे ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
    • अब इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika -इमाम के पीछे तीसरी रकात

    • यहां भी आप खामोश रहें पिछली रकात की तरह कुछ न पढ़ें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • अब उठते वक्त उनके समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहने पर आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठेंगे तो आप भी साथ में उठें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब उनके अल्लाहु अकबर कहने पर सीधे चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

    4 Rakat Farz Namaz Ka Tarika - इमाम के पीछे चौथी रकात

    • दुसरी और तीसरी रकात की तरह ही यहां भी खामोश रहें।
    • फिर इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर रूकूअ में जाएं।
    • यहां भी में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
    • अब इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
    • फिर उनके ही अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • अब उनके अल्लाहु अकबर कहने पर उठें फिर अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
    • दुसरी सज्दा में भी‌‌ कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
    • इसके बाद इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर उठ कर बैठ जाएं।
    • अब अत्तहिय्यात पढ़ें जब अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर पहुंचे तो शहादत उंगली उठाएं।
    • फिर तुरंत ही इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लें और दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
    • इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़ें और इमाम साहब का सलाम फेरने का इंतजार करें।
    • जब इमाम साहब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह पहली बार कहें तो आप दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
    • फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो साथ में आप भी बाएं तरफ गर्दन घुमाएं।