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Iqamat Ka Tarika । इक़ामत का सही तरीका जानिए

 आज यहां पर आप एक बहुत ही आसान और ज़रूरी इल्म यानी कि Iqamat Ka Tarika जानेंगे जो हम सभी मोमिनों के लिए बहुत ही जरूरी है।


यह तो आप भी शायद जानते ही होंगे कि किसी भी फर्ज नमाज़ को पढ़ने से पहले इक़ामत करना ज़रूरी होता है इसे मुअज्जिन या कोई व्यक्ति कर सकता है।

अगर आप भी इक़ामत करना चाहते हैं लेकीन सही तरीका मालूम नहीं है तो यहां ध्यान से पढ़ें हमने यहां पर इक़ामत का तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है।

Iqamat Ka Tarika

  • सबसे पहले जहां इमाम नमाज़ के लिए बैठे हों उनके पीछे थोड़ी दाई तरफ खड़े आप खड़े हो जाएं।
  • और अपना भी रूख यानी चेहरा काबा शरीफ की ओर करें और सीधे खड़े हो जाएं।
  • इसके बाद मध्य आवाज़ में अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर दो दफा बोलें।
  • फिर से 2 मरतबा और अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ही बोलें।
  • इसके बाद अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह कहें और शहादत की उंगली खड़ी करें।
  • फिर से अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह कहें और शहादत की उंगली खड़ी करें।
  • इसके बाद अशहदु अन्न मुहम्मदुर रसुलुल्लाह कहते हुए बोसा लगाकर चूम लें।
  • दूसरी मरतबा भी यही अशहदु अन्न मुहम्मदुर रसुलुल्लाह कहते हुए बोसा लगाकर चूम लें।
  • अब आप हय्या अलस सल्लाह कहते हुए अपनी गर्दन दाहिने तरफ घुमाएंगे।
  • फिर से दूसरी मरतबा भी हय्या अलस सल्लाह कहते हुए दाहिने जानिब गर्दन घुमाएं।
  • इसके बाद हय्या अलल फलाह कहते हुए इस बार बाई तरफ गर्दन को घुमाएंगे।
  • फिर इसे भी दूसरी मरतबा हय्या अलल फलाह पढ़ते हुए अपनी गर्दन को बाई तरफ ही घुमाएंगे।
  • अब दो मरतबा कद कामतिस्सलात कद कामतिस्सलात पढ़ना है आपको।
  • और जितने भी वहां लोग होंगे सब को यहां नमाज़ के लिए खड़े हो जाना है।
  • अब आखिर में अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्ललाह कह कर चुप हो जाएं।
  • जब नमाज़ शुरू होने को होती है तो इक़ामत किया जाता है जबकि अज़ान नमाज़ के वक्त की तशरीह करती है।

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua | घर में दाखिल होने की दुआ

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua | घर में दाखिल होने की दुआ

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की पोस्ट में Ghar me Dakhil Hone ki Dua बताने जा रहा हूँ। जिस तरह से पिछले पोस्ट में Ghar se Nikalne ki Dua के बारे में बताया था।

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua


एक व्यस्त दिन के बाद आप घर लौटते हैं। थकान से आपके कदम थम जाते हैं लेकिन जैसे ही आप दरवाजे का हैंडल पकड़ते हैं आपको एक शांति का एहसास होता है। घर एक ऐसी जगह जहाँ आप सुरक्षित महसूस करते हैं

एक ऐसी जगह जहाँ आप खुद हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी पल इसी घर में दाखिल होते समय एक ऐसी दुआ है जो आपके जीवन में खुशहाली और बरकत ला सकती है

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua एक ऐसी दुआ है जो सदियों से मुसलमानों द्वारा पढ़ी जाती रही है और आज भी इसकी अहमियत बरकरार है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम Ghar me Dakhil Hone Ki Dua के बारे में विस्तार से जानेंगे।

हम समझेंगे कि इस दुआ का क्या अर्थ है इसे क्यों पढ़ा जाता है और इसे पढ़ने से हमें क्या फायदे होते हैं। साथ ही हम कुछ ऐसी दिलचस्प बातें भी जानेंगे जो शायद आप पहले नहीं जानते हों।

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua

नाज़रीन घर में दाखिल होते वक़्त अल्लाह ताअला का ज़िक्र करना चाहिए और ज़िक्र करने का क्या फायदा होगा तो हुजुर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने इरसाद फ़रमाया:

की जब कोई शख्स घर में दाखिल होते वक़्त और खाना खाते वक़्त अल्लाह का ज़िक्र करे तो शैतान अपने साथियों से कहता है की तुम अब इस घर में ना रह सकते हो और तुम्हारे लिए यहाँ पर खाना है। (मुस्लिम शरीफ)

अब आप यह सोच रहे होंगे की जब जब घर में दाखिल होंगे तब तब यह दुआ पढ़ना होगा लेकिन यह दुआ तो पढ़ना मुश्किल होगा तो जी हाँ शुरू शुरू में मुश्किल होगा लेकिन जब यह आदत हो जायेगा तो आसान लगने लगेगा।

Ghar Me Dakhil Hone ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका खैरल मौलजी वा खैराल मखरजी बिस्मिल्लाही वलजना व बिस्मिल्लाहि खराजना व अलल्लाही रब्बिना तवक्कलना।

घर में दाखिल होने की दुआ का तर्जुमा

ऐ अल्लाह मैं तुझ से सवाल करता हूं अच्छे दाखिल होने और बेहतर निकलने का अल्लाह के नाम से दाखिल हुए और हमने अल्लाह पर भरोसा किया।

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In Roman English

Allahumma innee as’aluka khairal maulaji wa khairal makhraji bismillahi walajnaa wa bismillahi kharajnaa wa alallahi rabbina tawakalna.

घर में दाखिल होने की दुआ का महत्व

  • इस्लाम में घर को सिर्फ रहने की जगह नहीं बल्कि एक ऐसी पवित्र जगह माना जाता है
  • जहां व्यक्ति आराम करता है परिवार के साथ समय बिताता है और ईश्वर की इबादत करता है।
  • इसलिए घर में दाखिल होते समय कुछ विशेष दुआओं को पढ़ने का रिवाज है।
  • ये दुआएं न केवल व्यक्ति को मन की शांति देती हैं बल्कि घर को बुरे नजर और शैतान से भी बचाती हैं।

घर में दाखिल होने की दुआ पढ़ने के कई फायदे हैं:

रहमत और बरकत: यह दुआ घर में रहमत और बरकत लाती है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और भाईचारा बढ़ता है।

सुरक्षा: यह दुआ घर को बुरी नजर और शैतान से बचाती है। यह घर को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करती है।

ईमान का इज़हार: इस दुआ को पढ़कर व्यक्ति अपनी ईमानदारी का इज़हार करता है और अल्लाह पर भरोसा दिखाता है।

सुननत पर अमल: यह दुआ पढ़ना हमारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत पर अमल करना है।

क्यों पढ़ें घर में दाखिल होने की दुआ?

घर को पवित्र बनाना: यह दुआ घर को पवित्र बनाती है और इसे शैतान के प्रभाव से बचाती है।

मन की शांति: यह दुआ मन को शांत करती है और तनाव को कम करती है।

अल्लाह के करीब आना: इस दुआ को पढ़कर व्यक्ति अल्लाह के करीब आता है और उसकी रहमत और बरकत प्राप्त करता है।

अच्छी आदत डालना: यह दुआ पढ़ना एक अच्छी आदत है जो व्यक्ति को जीवन भर साथ रहती है।

घर में दाखिल होने की दुआ पढ़ना एक बेहद महत्वपूर्ण अमल है। यह न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए फायदेमंद है।

इस दुआ को नियमित रूप से पढ़ने से हमारा ईमान मजबूत होता है हमारा घर खुशहाल होता है और हम अल्लाह की रहमत और बरकत प्राप्त करते हैं।

आज आपने क्या सीखा

नाज़रीन मुझे उम्मीद है की आप सभी को Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua पसंद आया होगा। जिसमे यह सीखने को मिला की इस दुआ को पढ़ने से शैतान से महफूज़ रहते है।

और इस दुआ को अच्छी तरह से सीखने के लिए इसको तिन भाषा में लिखा गया है सबसे पहला अरबी जिसमे कुरान लिखा गया है फिर हिंदी इंग्लिश।

नाज़रीन इस्लाम में हिफाज़त के हवाले से बहुत सारे दुआ बताया